ramniwas guru

Tuesday 24 January 2012

VEER TEJAJI YUVA SAMITY,DAIKARA by ramniwas choudhary (guru)


जाट ईतिहास

satyawadi veer tejaji maharaj
श्रुणु देवि जगद्वन्दे सत्यं सत्यं वदामिते।
जटानां जन्म कर्माणि यन्न पूर्व प्रकाशितं॥
महाबला महावीर्या महासत्व पराक्रमतमा।
सर्वाग्रे क्षौत्रिया जट्टा देव कल्पा दृढ़वृता:॥
सृष्टेरादौ महामाये वीर भद्रस्य शक्तित:।
कन्यानांहि दक्षस्य गर्भे जाता जट्टा महेश्वरी।
गर्व खर्मोन्न विप्राणां देवानां च महेश्वरी।
विचित्र विस्मयं सत्यं पौराणिकै: संगोपितं॥

अर्थ कृमहादेव ने पार्वती से कहा कि हे जगजननी भगवती! जाट जाति के जन्म
कर्म के विषय में उस सच्चाई का कथन करता हूँ जो अभी तक किसी ने भी
प्रकाशित नहीं किया। ये जट्ट बलशाली, अत्यन्त वीर्यवान प्रचंड पराक्रमी
हैं सम्पूर्ण क्षत्रियों में यही जाति सर्वप्रथम शासक हुई। ये देवताओं के
समान दृढ़ संकल्प वाले हैं। सृष्टि के आदि में वीरभद्र की योगमाया के
mahadev(lord shiva)
प्रभाव से दक्ष की कन्याओं से जाटों की उत्पत्तिा हुई। इस जाति का इतिहास
अत्यन्त विचित्र एवं विस्मयजनक है। इनके उज्ज्वल अतीत से ब्राह्मणों और
देवताओं के मित्याभिमान का विनाश होता है इसीलिए इस जाति के सच्चे इतिहास
को पौराणिकों ने अभी तक छिपाये रखा था।
जाट शब्द का प्रयोग आदिकाल से होता आया है। आदि सृष्टि में देवाधिदेव
भगवान आदि शासक सम्राट हुये। भगवान शंकर की जटा से उत्पन्न होने के कारण
ही इस समुदाय का नाम जाट पड़ा है। भगवान शिव के गुणों की साद्रश्यता जाटों
में आज तक विद्यमान है। भगवान महादेव शंकर की जटाओं से निसृत
ब्रह्मपुत्र, गंगा, यमुना, सरस्वती, सतलज, ब्यास, रवि, चिनाब, झेलम,
गोदावरी, नर्मदा इत्यादि से उर्वरित भूमि जाटों की मातृभूमि विशेषतया रही
है।
पर्यावरण की पवित्रता तथा स्वास्थ्य रक्षा के लिये इस जाति के लोग
परमयाज्ञीक हैं, देव पूजा, संगती करण, दान करना उनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति
हे। भगवान शिवजी से जाटों की उत्पत्ति का युक्ति प्रमाण से विस्तार
ramniwas choudhary(guru)(B.A.,B.ed.)
पूर्वक वर्णन है। रघुवंशी राजाओं, चंद्रवंशी राजाओं के वैवाहिक सम्बन्ध,
राज्य प्रबन्धों, सुरक्षित वैभव सम्पन्न प्रजाओं का विशद आख्यान,
पूर्वकथित जाटों जैसे गुण मिथिलाधिपीत जनक विदेह और दिलीप, भगवान श्री
रामचंद्र, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न में थे। जाट समाज मर्यादा पुरुषोत्ताम
भगवान श्री रामचंद्र को अपना पूर्वज और पूजनीय मानकर उनके गुणों की
स्तुति करते हैं। महाभारत काल की रीति-नीति, चाल-चलन, वैवाहिक प(ति तथा
जाट संघटन अपने वंशज पांडवों की परम्परा से चले आ रहे हैं। तथा उस समय के
गणतंत्र निर्माता योगेश्वर श्री कृष्ण चन्द्र की गणतंत्र रूप पंचायतों के
न्याय की मान्यता जाटों में है।
महाभारत काल तक जाट शब्द समुदाय वाचक था। इसके पश्चात अन्य जातियों की
भाँति इसका प्रयोग जन्मगत जाति के रूप में प्रचलित हो गया। जाटों ने अपनी
वैभवशाली परम्परा एवं वीरोचित कार्यों से इतिहास के कुछ पृष्ठों पर
साधिकार आधिपत्य किया है। जाट सदैव शौर्य एवं वीरता के प्रतीक रहे हैं।
कुछ लेखक जाटों को आर्यों की संतान मानते हैं, कुछ हैहय क्षत्रियों की
स्त्रियों के गर्भ से ब्राह्मणों द्वारा उत्पन्न घोषित करते हैं, कुछ
इन्डोसिथियन जातियों के साथ इनका सम्बन्ध स्थापित करते हैं। कुछ शिव की
जटा से उत्पन्न मानते हैं। कुछ युधिष्ठर की पदवी जेष्ठ से जाट उत्पन्न
हुआ मानते हैं कुछ जटित्का को जाट जाति का आदि श्रोत ठहराते हैं। कुछ
इन्हें विदेशों से आया हुआ जिट, जेटा ऐक गात ;जाटध्द मानते हैं। कुछ इनको
ययाति पुत्र यदु से सम्बन्धित मानते हैं और कुछ इनका अस्तित्व पाणिनी युग
पूर्व मानते हैं तथा आर्यों के साथ इनका अभिन्न सम्बन्ध स्थापित करते
हैं।
जाटों की शारीरिक संरचना, भाषा तथा बोली उन्हें आर्य प्रमाणित करती है।
ऐसा डॉ0 ट्रम्प एवं वीम्स ने माना है। यह तय है कि जाट आर्य हैं और
प्रचण्ड वीर हैं। संसार में विभिन्न देशों में जाट प्राचीन काल से आज तक
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निवास व शासन करते आये हैं भारत में बहुत प्राचीन काल से रहते आये हैं।
जाटों ने तिब्बत, यूनान, अरब, ईरान, तुक्रिस्तान, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी,
साइबेरिया, स्कोण्डिनेलिया, इंग्लैण्ड, रोम व मिश्र आदि में कुशलता,
दृढ़ता और साहस के साथ राज्य किया था और वहाँ की भूमि को विकास-वादी
उत्पादन के योग्य बनाया था।
मालवा, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तथा गंगा-यमुना का किनारा उनका मूल
निवास स्थल है। विदेशी आक्रमणकारियों से उन्होंने देश को बचाया है, हूणों
को परास्त किया है, देश और समाज की प्रगतिशील संस्कृति के निर्माण में
उन्होंने महान योगदान दिया है, राजा एवं पुरोहित के गठबन्धन को तोड़ा है,
इस संघर्ष में वे स्वयं टूटे हैं लेकिन मिटे नहीं, उनकी रुचि इतिहास के
निर्माण करने में रही, इतिहास लिखने का काम उन्होंने दूसरों के लिए छोड़
दिया, जिन्होंने अपना उत्तारदायित्व ईमानदारी से नहीं निभाया और जाटों की
विशेषताओं से जनसाधारण को दूर ही रखा।

Guru

Guru (गुरु) Gur (गुर) is gotra of Jats in Rajasthan.

Origin




This gotra originated from people of fair colour. Guru is also name of shresha (श्रेष्ठ) or superior people. Descendants of such people got the gotra name Guru. [1]

History

Bhim Singh Dahiya identifies Goruai of Greek with Guru/Gaur/Ghor of Indian clan.[2]

Distribution in Rajasthan

Villages in Churu district

Guru Jats live in villages:

स्वामी विवेकानंद
एक बार जब स्वामी विवेकानंद जी अमेरिका गए थे, एक महिला ने उनसे शादी करने की इच्छा जताई। जब स्वामी विवेकानंद ने उस महिला से ये पुछा कि आप ने ऐसा प्रश्न क्यूँ किया ?

उस महिला का उत्तर था कि वो उनकी बुद्धि से बहुत मोहित है और उसे एक ऐसे ही बुद्धिमान बच्चे कि कामना है।

इसीलिए उसने स्वामी से ये प्रश्न कि क्या वो उससे शादी कर सकते है और उसे अपने जैसा एक बच्चा दे सकते हैं ?

उन्होंने महिला से कहा कि चूँकि वो सिर्फ उनकी बुद्धि पर मोहित हैं इसलिए कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा:
...
“ प्रिये महिला, मैं आपकी इच्छा को समझता हूँ। शादी करना और इस दुनिया में एक बच्चा लाना और फिर जानना कि वो बुद्धिमान है कि नहीं, इसमें बहुत समय लगेगा, इसके अलावा ऐसा हो इसकी गारंटी भी नहीं है।
इसके बजाय, आपकी इच्छा को तुरंत पूरा करने हेतु मैं आपको एक सुझाव दे सकता हूँ।

आप मुझे अपने बच्चे के रूप में स्वीकार कर लें। इस प्रकार आप मेरी माँ बन जाएँगी और इस प्रकार मेरे जैसे बुद्धिमान बच्चा पाने की आपकी इच्छा भी पूर्ण हो जाएगी।“

-: ये काम एक सुसंस्कृत भारतीय ही कर सकता है ,यह समस्त विश्व हम भारतीयों को हमारे वर्तमान तरक्की ,या नई शक्तिशाली सेना या व्यापार के लिए नहीं पसंद करता , बल्कि यह विश्व हमें हमारी 20,000 + वर्ष पुरानी संस्कृति के लिए पसंद करता है ,सिर्फ यही हमारी पहचान है ......जय हिंद

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2014 के लोकसभा चुनाव” के प्रत्याशी के लिए आवेदन पत्र :

... ... 1. उम्मीदवार का नाम:————————–

2.वर्तमान पता:
... (१) जेल का नाम: ————————–
(२) सेल नंबर:—————————-
(३) कैदी नंबर ——————————

3.राजनैतिक पार्टी: ____________ _________
* आप अभी तक जिन दलों में शामिल थे उनमें से केवल पिछले पांच दलों का नाम दें।
१ ———————– २ ———————– ३ ———————– ४ ————————-
५ ————————

4.राष्ट्रीयता { गोल चक्कर करे )
१ इतालियन
२ भारतीय
३ पाकिस्तानी
४ बांग्लादेसी

5 पिछली पार्टी छोड़ने के कारण (एक या अधिक को सर्कल करें )
१-भीतरघात
२-निष्कासित
३-खरीद लिये गये
४-कोई कुर्सी नहीं मिली
५-घोटाले के कारण
६-मलाई की कमी

6.चुनाव लड़ने के लिए कारण (एक या अधिक को सर्कल करें ) :
१-पैसा बनाने के लिए
२-अदालत के मुकदमे से बचने के लिए
३-सत्ता का घोर दुरुपयोग करने के लिए
४-गरीबों को मिटाने के लिए
५-घोटाले करने के लिए
६-मैं नहीं जानता
(यदि आपका उत्तर ६ है तो अपनी विवेकशीलता के लिये एक गैर मान्यता प्राप्त गैर सरकारी रिश्वत खोर मनोचिकत्सक का प्रमाणपत्र संलग्न करें)

7.आपको कितने साल का जन सेवा का अनुभव है?
१ – 1-2 साल
२ – 2-6 साल
३ – 6-15 साल
४ – 15 + साल

8. आप के खिलाफ लंबित किसी भी आपराधिकमामले का विवरण दें (पूरी जानकारी देने के लिये आप जितने चाहे उतने अतिरिक्त पृष्ट जोड़ सकते हैं)
———————————————————————————————————————

9.आपने कितने वर्ष जेल में बिताए हैं?
(कृप्या प्रश्न 7 से भ्रमित न हों)
१ – 1-2 साल
२ – 2-6 साल
३ – 6-15 साल
४ – 15- 20 साल
५ – बीस साल से ज्यादा

10.आप किसी वित्तीय घोटाले में शामिल हैं?
१ -क्यों नहीं
२ –बेशक
३ –निश्चित रूप से
४ -खानदानी धंधा
५ -मैं इस सब से इनकार करता हूं
६ –मुझे इसमें एक विदेशी हाथ दिखाई दे रहा है

11. आपकी वार्षिक भ्रष्टाचार आय क्या है ?
१ -100-500 करोड़
२ -500-1000 करोड़
३ -कोई गिनती नहीं …
(हवाला में डालर से की गयी कमाई को रुपयों में कनवर्ट करने के बाद शामिल करें)

12. क्या आपके मन में भारत के लिए कोई भी विकास योजना है?
उत्तर: ————————————————————————————————————————————————–

13. नीचे दिये गये स्थान में अपनी उपलब्धियों का बखान करें:
उत्तर: ————————————————————————————————————————

14.इनमे से कौन से धंधे में आपकी रूचि सबसे ज्यादा है ?
१.रिश्वेत लेने में ———————
२.हेरा फैरी में ————————-
३.हवाला के धंधे में ———————-
४.दलाली करने में —————————
५.सुपारी लेने में ———————
६.अपहरण करने में ———————————–
७.उपरोक्त सभी में ———————————–

१५. आपने कितने गुंडे पाल रखे हे.
उतर ——————————————–—————————————————

यदि आप में ये सारी खूबिया है तो ही यह फॉर्म भर सकते है, अन्यथा चुनाव आयोग आपका फॉर्म रद्द कर सकता है।
 और यदि पेज कम पड़े तो सादे पेपर में लिख सकते हो और
 इसको भरने के बाद चुनाव अधिकारी को भारतीय डाक द्वारा भेज दे, पता आप को मालूम होगा।


2 comments:

  1. Kuchh rashtriya pratik aapke saamne .........

    राष्ट्रीय बहन -मायावती
    राष्ट्रीय मां ...…राखी सावंत
    राष्ट्रीय रोबोट …मनमोहन सिंह
    राष्ट्रीय गेम चेंजर …राहुल गांधी
    राष्ट्रीय समस्या …मनीष तिवारी
    राष्ट्रीय चिंता …सलमान की शादी
    राष्ट्रीय चांटा प्रदायकर्ता - हरविंदर सिंह
    राष्ट्रीय ‘मैं होशियार’ …अरिंदम चौधरी
    राष्ट्रीय संदेशवाहक …बरखा दत्त
    राष्ट्रीय बॉडी गार्ड – जितिन प्रसाद , प्रमोद तिवारी , आरपीएन सिंह
    राष्ट्रीय रहस्य …सोनिया गांधी
    राष्ट्रीय गिरगिट … अजित सिंह
    राष्ट्रीय रथ यात्री …लालकृष्ण आडवाणी
    राष्ट्रीय चुगलखोर …स्वामी अग्निवेश
    राष्ट्रीय असंतुष्ट ..मेधा पाटकर
    राष्ट्रीय स्ट्रगलर …अभिषेक बच्चन
    राष्ट्रीय भुलक्कड़ …एसएम कृष्णा
    राष्ट्रीय दामाद … कसाब, अफज़ल गुरू और रॉबर्ट वढेरा के बीच टाई
    राष्ट्रीय अतिथि …हिना रब्बानी
    राष्ट्रीय कोयल …मीरा कुमार
    राष्ट्रीय गहनों की दुकान …बप्पी लहरी
    राष्ट्रीय हंसी …राहुल महाजन
    राष्ट्रीय गर्लफ्रेंड …दीपिका पादुकोण
    राष्ट्रीय रईसज़ादा ..सिद्धर्थ माल्या
    राष्ट्रीय टेलीफोन ऑपरेटर …दिग्विजय सिंह
    राष्ट्रीय गणितज्ञ …कपिल सिब्बल
    राष्ट्रीय किसान – अमिताभ बच्चन
    राष्ट्रीय मसखरा … लालू यादव
    राष्ट्रीय इंतज़ार …सचिन का सौंवा शतक
    राष्ट्रीय गाल …शरद पवार
    राष्ट्रीय दहशत …रा वन का सीक्वल
    राष्ट्रीय गाली …आम आदमी
    राष्ट्रीय दवा – संधि सुधा

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दुर्भाग्य से देश की कमान उस महिला के पास है जो ठीक से मात्रभाषा (हिंदी ) भी नहीं बोलना जानती. जो ये नहीं जानती की गरीबी क्या होती है ? गरीब खली पेट अपनी राते कैसे गुजरता है. हंसी उन के भाषण सुन कर तब आती है जब वो चुनावी मौसम में अपने महल से बाहर आ पर्ची पढ़ कर विरोधियो पर प्रहार करती है. पता नहीं क्यों वो प्रेस वार्ता में या किसी जनमंच पर सार्वजनिक बहस के लिए सामने नहीं आतीं . जब एक चपरासी के लिए योग्यता निर्धारित है तो नेताओ के लिए क्यों नहीं ?